यह लोकसभा 2019 का चुनाव मेरे लिए झूठ और जुमलेबाजी के प्रतिकार का चुनाव है

यह लोकसभा 2019 का चुनाव मेरे लिए झूठ और जुमलेबाजी के प्रतिकार का चुनाव है ।  यह चुनाव देश में बढ़ती सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक असुरक्षा के खिलाफ लामबंदी का चुनाव है, यह चुनाव इस देश की जनता को यह याद दिलाने का चुनाव है कि किस प्रकार से सरकार बनते ही भाजपाई नेता अपने वादों-इरादों, घोषणा पत्र में कही बातों को, चुनावी जुमला बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं और आम जनता ठगी सी, आंखें फाड़े हुए बेबसी के साथ सब कुछ सुनती सहती रहती है, आज धोखेबाज नेताओं से हिसाब बराबर करने का चुनाव है ।
हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तुरंत बाद तथाकथित योगी, आदित्यनाथ ने सबसे पहले अपने ऊपर लगे दर्जनों आपराधिक मुकदमे वापस ले लिए थे, यह भी नहीं भूलना चाहिए कि सरकार ने साजिशन देश की नवरत्न कंपनियों का बेड़ा गर्क कर के निजी स्वामित्व वाली कंपनियों को लाभ पहुंचाया,
रेलवे, ओएनजीसी, बीएसएनल , आरबीआई, सीबीआई, इंडियन एयरलाइंस, सब की स्वायत्तता, संप्रभुता, आर्थिक बल, नष्ट कर दिया।

भारत के वरिष्ठ राजनेताओं की यह चिंता नाहक नहीं है कि यदि यह सरकार दोबारा आई तो भारत दूसरा पाकिस्तान बन जाएगा।  आदर्शवादी कांग्रेस पार्टी देश के संघीय और सेकुलर ढांचे को नुकसान पहुंचाने वाली नीतियों के खिलाफ है ।
  देश की वर्तमान नीतियों से अमीर और अमीर बनता जा रहा है गरीब और गरीब होता जा रहा है, असमानता और असंतुलन के बढ़ने से देश में उग्रता , अविश्वास, और असहिष्णुता बढ़ रही है, देश का नौजवान गुमराह हो रहा है और यह सब सरकार की
तुगलकी-तानशाही नीतियों का परिणाम है ।
सरकार की सैन्य नीति, सरकार की अर्थनीति, विदेशनीति सब फेल हो चुकी है, अपने ही देश के सिपाहियों-कमांडोज की शहादत पर, सरकार, राजनीति की रोटी सेक रही है, भय और असुरक्षा की गहराते माहौल में देश में आत्महत्या की दर में खतरनाक इजाफा हुआ है, सच्ची और आदर्श युक्त नीतियों और विचारों से ही आदर्शवादी भारत का निर्माण किया जा सकता है, इसलिए सभी सुधी जनों को एक होकर कदम बढ़ाना होगा ।
यह देश संभावनाओं का देश है और यहां की विविधता की वजह से किसी ठीक-ठीक सर्वमान्य नतीजे पर पहुँच पाना असंभव है फिर भी मैनें पूरे साहस से आसमान की ओर कंकड़ उछाला है हश्र क्या होगा देखा जायेगा, जनसामान्य के लिये सबसे ज्यादा दिनों तक अनशन पर रहनें वाली मणिपुर की स्वनामधन्य नेता इरोम शर्मिला को मणिपुर विधानसभा चुनाव में कुल 90 वोट मिले थे मेरा कहना है की इसमें इरोम शर्मिला की क्या त्रुटि थी उनके सापेक्ष मेरा संघर्ष नगण्य है, न कुछ है, हम लड़नें वाले लोग हैं, डंटे हैं, अड़े हैं, कह रहे हैं, बता रहे हैं, अपने सीनें पर कोई बोझ नहीं है की हमनें अपना प्रयास नहीं किया, आगे जनता जनार्दन है उनकी इच्छा मै सब प्रकार की परिस्थितियों का सामना करनें के लिये तैयार हूँ ।
धन्यवाद
जय हिंद जय भारत 
(कुछ पत्रकार जनों के यह पूछनें पर की “आप इस लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं तो आखिर इस चुनाव को आप किस दृष्टि से देखते हैं आखिर आप की दृष्टि में आपका यह चुनाव किस परिणीति को प्राप्त होगा इस पर कुछ बोलिये” के जवाब में मेरा कथन)

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